तोर कइसे बिदाई-दुकालू यादव दुर्गा विसर्जन बिदाई जस गीत
- गीत : तोर कईसे बिदाई
- गायक : दुकालू यादव
- गीतकार : दुकालू यादव
- संगीतकार : ओ पी देवांगन
- लेबल : 360INDIA
स्थायी
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
फेर जाए बर जाथस अंगना छोड़ के
तोला राखे रईहौ हिरदय भीतरी रोक के
तोला राखे रईहौ हिरदय भीतरी रोक के
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
Dukalu Yadav Bidai Jas Geet Lyrics
अंतरा 1
आना जाना लागे रईथे दुनो नवराती के
पूजा ला पावत रईथस बिहने संझाती के
हो हूम धूप अगर काड़ी जले ममहाती के
जगमग जगमग बरे दीयना संग बाती के
जस पचरा देथे सुनाई देवता मन झूपथे माई
हो घंटी शंख बाजै होत भोर के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
अंतरा 2
दाई बहिनी जोरे तोर बर आनी बानी जोरन वो
टिकली फूंदरी चूरी मुंदरी कंघी कोकई कोरन वो
हो लुगरा पोलखा लाली चुनरी माहूर लाली मुहुरन वो
शेर चाउंर नरियर धर के आथे तोर चरनन वो
तोर संवागा जोरंव दाई तोर करेंव पहूनाई
हो मन ला मैं राखेव हंव मरोर के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
Dukalu Yadav Mata Visarjan Jas Geet Lyrics
अंतरा 3
तोर बिदाई के पीरा सहे नई जाऐ वो
आंखी के आंसू तर तर रूके नई रूकाऐ वो
हो मन बैरी माने नही कोन समझाऐ वो
हिरदय म पखरा रख के तोला पठायेन वो
करत हन तोर बिदाई कोन जाने करलाई
तोर सुरता मा कोसरिया रही अगोर के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
तोर कईसे बिदाई मैं करौं दुर्गा दाई
फेर जाऐ बर तैं जाथस अंगना छोड़ के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के
तोला राखे रईहौं हिरदय भीतरी रोक के