Kahe Ke Diyana Dai Old Jas Geet Lyrics
दीया बरत जग जोत वो दाई जगमग जग संसार मा
हरियर हरियर तोर फूलवारी लाली जोत लिलार मा
तीन लोक अउ चौदह भुवन मे ज्योति तोर बरत हे
ब्रम्हा विष्णु अउ शिव शंकर सब देवता दरस करत हे
सब देवता दरस करत हे
काहे के दीयना 2 काहे के बाती 2
जगमग जगमग बरे दिन राती ||2||
काहे के दीयना दाई काहे के बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
माटी के दीयना दाई पोनी के बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
Old Jas Geet Lyrics (जस गीत लिखा हुआ)
कउन बनाये दीयना कउन हा बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
कुम्हरा बनाये दीयना पटवा हा बाती वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
काकर अंगना दाई काकर भुवना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
बूढ़ी माई के अंगना दाई बूढ़ा देव के भुवना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
चैत महिना दाई कुंवार महिना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
संझा बिहनिया दाई देखे मोर नैना वो
जगमग जगमग नव दिन जले 2
जगमग जगमग नव दिन जले 4